कल शाम आने का वादा करना बहुत आसा
हसिनाओ के गुनाह माफ करना बहुत आसा
कहते है वह भुल जावो उन्हे कोई समाझाये
भुलना है मुश्किल और याद रखना बहुत आसा
हमने हर एक चीज बेची इस जमीर के लिये
हम वाकिफ़ ना थै जमीर बेचना बहुत आसा
'राजदा' जजबातो को कर दफ्न दिल के कब्र मे
वरना तो इनको गजल में रखना बहुत आसा
हसिनाओ के गुनाह माफ करना बहुत आसा
कहते है वह भुल जावो उन्हे कोई समाझाये
भुलना है मुश्किल और याद रखना बहुत आसा
हमने हर एक चीज बेची इस जमीर के लिये
हम वाकिफ़ ना थै जमीर बेचना बहुत आसा
'राजदा' जजबातो को कर दफ्न दिल के कब्र मे
वरना तो इनको गजल में रखना बहुत आसा